बिहार में तेजस्वी यादव को बड़ा झटका, दो विधायकों ने बदला दल

By Sabal SIngh Bhati - Editor

छपरा। बिहार की राजनीति में सियासी रंगों का खेल शुरू हो गया है। परसा और बनियापुर विधानसभा सीट से राजद के दो मौजूदा विधायकों ने ठीक चुनाव से पहले ऐसी चाल चली कि राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। परसा के राजद विधायक छोटेलाल राय ने जदयू का दामन थाम लिया है, तो बनियापुर के राजद विधायक केदारनाथ सिंह भाजपा की गोद में जा बैठे हैं। दिलचस्प बात यह है कि दोनों को नए दलों ने न केवल बांहें फैलाकर अपनाया, बल्कि तुरंत अपना सिम्बल भी थमा दिया। हालांकि, दलबदल का यह अंदाज सारण के लिए नया नहीं है।

पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में भी यहां कुछ ऐसा ही हुआ था। अमनौर सीट के पूर्व जदयू विधायक कृष्ण कुमार सिंह मंटू को एक बड़े नेता ने रातोंरात भाजपा की सदस्यता दिलवाकर टिकट थमा दी थी। वे चुनाव जीते और एक बार फिर से विधानसभा भी पहुंच गए। विधायक छोटेलाल ने ताबड़तोड़ बदला राजनीतिक गियर परसा के मौजूदा विधायक छोटेलाल राय की राजनीतिक शुरुआत जदयू से हुई थी। बीच में लोजपा और लालू दरबार पहुंचे और तीसरी बार विधायक बने। अब जब वक्त बदला, हवा बदली तो उन्होंने अपने राजनीतिक गियर भी बदल डाले।

गियर भी बदले, तो ताबड़तोड़ बदले। सुबह राजद में थे, शाम को जदयू में गए, फिर रात में राजद और अगली सुबह वापस जदयू में चले आए। विधायक केदारनाथ सिंह ने रातोंरात थामा कमल बनियापुर के मौजूदा विधायक केदारनाथ सिंह की चुनावी यात्रा जदयू से ही शुरू हुई थी। वे सर्वप्रथम अक्टूबर 2005 के चुनाव में मशरक विधानसभा सीट से जदयू के विधायक निर्वाचित हुए। मशरक सीट विलोपित हुआ और वे राजद में आ गए। बनियापुर विधानसभा सीट से राजद के सिम्बल पर 2010, 2015 और 2020 में विधायक चुने गए।

चार टर्म के विधायक केदारनाथ सिंह ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ही राजद से सैद्धांतिक दूरी बना ली थी और परोक्ष ढंग से जदयू के हो गए थे। गठबंधन की सीट शेयरिंग में इस बार जब बनियापुर भाजपा के खाते में गया तो इनका भी हृदय परिवर्तन हो गया। रातोंरात इन्होंने पाला बदला और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर टिकट झटक ली। अब इनका चुनावी मुकाबला मशरक की जिलापार्षद और यहां के विधायक रहे स्व. अशोक सिंह की विधवा राजद उम्मीदवार चांदनी देवी से है।

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