जयपुर। डिपार्टमेंट ऑफ थाई ट्रेडिशनल एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन का एक दल दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को जयपुर पहुंचा। इसका मकसद गत 27 फरवरी को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर और डिपार्टमेंट ऑफ थाई ट्रेडिशनल एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के मध्य आयुर्वेद एवं थाई पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए हुए एमओयू की प्रगति पर विचार करना है।
इस एमओयू के अंतर्गत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यक्रमों गतिविधियों और चिकित्सा पद्धति को देखने और जानकारी लेने के साथ डिपार्टमेंट ऑफ थाई ट्रेडिशनल एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में किए जा रहे कायोंर् एवं गतिविधियों की जानकारी को आमजन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए साझा किया जाएगा। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने बताया कि भारत और थाईलैंड की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां जीवन विज्ञान पर आधारित हैं और इनकी जड़ें समान हैं।
इस एमओयू के तहत हम शोध, फैकल्टी और विद्यार्थियों का आदान-प्रदान करेंगे और मिलकर नई संभावनाओं पर काम करेंगे। ज्वाइंट वकिंर्ग ग्रुप का गठन करेंगे, दोनों संस्थाओं के विद्यार्थियों के लिए फैकल्टी द्वारा लेक्चरर की सीरीज बनाई जाएगी, दोनों देशों के फार्माकोपियल मोनोग्राफ का विश्लेषण करेंगे। साथ ही बहुत जल्दी थाई मेडिसिन स्टडी और रिसर्च के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में केंद्र स्थापित किया जाएगा और थाईलैंड के अंदर आयुर्वेद की पढ़ाई और रिसर्च के लिए केंद्र स्थापित किया जाएगा।
इस दौरान थाई प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान के विभिन्न विभागों को विजिट कर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की कार्यप्रणाली और शोध गतिविधियों को नजदीक से समझा।