उदयपुर में 101 करोड़ की लावारिस राशि के लिए विशेष शिविर का आयोजन

राजस्थान के उदयपुर जिले में कई वर्षों से 2 लाख 86 हजार 243 बैंक खातों में जमा लगभग 101.47 करोड़ रुपये अपने असली वारिसों का इंतजार कर रहे हैं। इन रकमों को बैंक की भाषा में “अनक्लेम्ड डिपॉजिट” या “अदावाकृत जमा” कहा जाता है। भारत सरकार के निर्देश पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसे सही मालिकों तक पहुंचाने के लिए देशभर में ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ अभियान की शुरुआत की है। इसी कड़ी में उदयपुर में 1 नवंबर 2025 को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में एक विशेष शिविर आयोजित किया जा रहा है।

यह शिविर सुबह 10 बजे से भुवाणा स्थित एक निजी रिसॉर्ट में लगेगा, जिसमें एसबीआई सहित सभी प्रमुख बैंकों, सेबी, बीमा कंपनियों और पेंशन विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे। लावारिस जमा राशि के लिए विशेष शिविर लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर संजय कुमार गुप्ता के अनुसार, कई बार लोगों की असावधानी या दुर्घटनावश बैंक खातों, बीमा पॉलिसियों या शेयर निवेशों में नामांकित वारिस दर्ज नहीं हो पाते। ऐसे में उनकी मृत्यु के बाद यह राशि बैंकों में निष्क्रिय पड़ी रह जाती है। आरबीआई का यह अभियान ऐसे मामलों में सही लाभार्थियों तक रकम पहुंचाने का प्रयास है।

उदयपुर के शिविर में नागरिकों को अनक्लेम्ड जमा, बीमा दावे, डिविडेंड, शेयर और म्यूचुअल फंड जैसी संपत्तियों की जानकारी दी जाएगी और दावा प्रक्रिया में मदद भी की जाएगी। आरबीआई ने इसके लिए यूडीजीएएम (UDGAM – Unclaimed Deposits Gateway to Access Information) नामक एक पोर्टल भी लॉन्च किया है। इस पोर्टल की मदद से कोई भी नागरिक यह जान सकता है कि उसके या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर कौन से बैंक में अनक्लेम्ड जमा राशि है।

गुप्ता ने बताया कि यह सुविधा फिलहाल देश के 30 बैंकों से जुड़ी हुई है और आने वाले समय में बाकी बैंक भी इसमें शामिल होंगे। लोग कैसे कर पाएंगे पता? इस पोर्टल के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने के लिए नागरिकों को सबसे पहले यूडीजीएएम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) करना होगा। लॉगिन करने के बाद खाताधारक का नाम, पैन नंबर, आधार नंबर, वोटर आईडी या जन्म तिथि जैसी जानकारियां भरकर खोज की जा सकती है।

यदि किसी के नाम पर अनक्लेम्ड डिपॉजिट पाया जाता है, तो संबंधित बैंक की वेबसाइट या शाखा से संपर्क कर आगे की दावा प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। गुप्ता ने बताया कि दावा करते समय पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण और जमा से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। बैंक जांच के बाद वैध दावे की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित करेगा। आरबीआई का उद्देश्य है कि देश में निष्क्रिय पड़ी करोड़ों रुपये की राशि सही वारिसों तक पहुंचे और आम जनता अपने अधिकार के प्रति जागरूक बने。

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kheem singh Bhati is a author of niharika times web portal, join me on facebook - https://www.facebook.com/ksbmr
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