ब्रिटेन ने भारत को हल्की मल्टीरोल मिसाइल देने का किया ऐलान

By Sabal SIngh Bhati - Editor

दोनों नेताओं ने इंडो-पेसिफिक, पश्चिम एशिया और यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की। नई दिल्ली। ब्रिटेन भारत को हल्की मल्टीरोल मिसाइल देने के लिए तैयार हो गया है। इसके साथ ही ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने की घोषणा की। यह ऐलान उन्होंने मुंबई में किया। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस खोलेंगी। पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में प्रगति हुई है।

इस साल जुलाई में लंदन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर किए थे। मोदी ने कहा कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच आयात आसान होगा, जिससे कारोबार बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा। दोनों नेताओं ने इंडो-पेसिफिक, पश्चिम एशिया और यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की। रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन ने सैन्य प्रशिक्षण समझौता किया है, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग प्रशिक्षक अब ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स में ट्रेनर के रूप में काम करेंगे।

भारत और ब्रिटेन के बीच गुरुवार को हुई उच्चस्तरीय वार्ता में प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, शिक्षा, व्यापार एवं निवेश, जलवायु, स्वास्थ्य और अनुसंधान के क्षेत्रों में 12 नई पहल और समझौतों की शुरुआत हुई। दोनों देशों ने इन समझौतों के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को और गहराई देने तथा साझा विकास के अवसरों को मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए एक मजबूत और स्थायी साझेदारी के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने आज मुंबई में व्यापक वार्ता की। दोनों पक्षों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की और आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के नए अवसरों की पहचान की।

चर्चा में भारत-ब्रिटेन संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई, जिसमें व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए), निवेश, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, नवाचार, हरित ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई, रक्षा और सुरक्षा तथा लोगों के बीच संबंध शामिल थे। उन्होंने हिंद-प्रशांत, यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति सहित प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर कहा कि भारत-यूके व्यापक आर्थिक व्यापार समझौता (सीईटीए) एक अभूतपूर्व पहल है। यह युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, व्यापार का विस्तार करेगा और हमारे उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभान्वित करेगा।

इस संदर्भ में प्रधानमंत्री स्टार्मर और उन्होंने आने वाले समय में हमारे देशों के बीच व्यापारिक संबंधों और आर्थिक संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हमारी बातचीत में प्रमुखता से शामिल हुए अन्य मुद्दों में प्रौद्योगिकी, रक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सतत विकास, नवीकरणीय ऊर्जा आदि शामिल थे। विभिन्न ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से मिलकर भी हमें बहुत खुशी हुई। हम ब्रिटेन के साथ शैक्षिक और सांस्कृतिक संबंधों को और आगे बढ़ाते रहेंगे।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत-यूके कनेक्टिविटी एवं इनोवेशन सेंटर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित संयुक्त केंद्र, महत्वपूर्ण खनिज उद्योग गिल्ड और आईआईटी-आईएसएम धनबाद में एक नए सेटलाइट परिसर की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला वेधशाला के दूसरे चरण और जैव-चिकित्सा अनुसंधान करियर कार्यक्रम के तीसरे चरण का शुभारंभ भी किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में बेंगलुरु में लैंकेस्टर विश्वविद्यालय का परिसर खोलने के लिए आशय पत्र सौंपा गया, जबकि गिफ्ट सिटी में सरे विश्वविद्यालय का परिसर स्थापित करने को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई।

Share This Article
Exit mobile version