ध्रुपद कार्यशाला में परंपरा और देशभक्ति का अद्भुत संगम

जयपुर। इंटरनेशनल ध्रुवपद धाम ट्रस्ट, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 15 दिवसीय ध्रुपद प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन सोमवार को चैम्बर भवन में हुआ। दीप-प्रज्ज्वलन से आरंभ इस समारोह में हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. नंद किशोर पाण्डेय मुख्य अतिथि रहे। साहित्यकार नरेन्द्र शर्मा कुसुम ने अध्यक्षता की। कार्यशाला का संगीत-निर्देशन डॉ. मधु भट्ट तैलंग ने किया। 35 विद्यार्थियों ने गुरु-शिष्य परंपरा में ध्रुवपद के आलाप, सुर और लय की बारीकियां सीखीं और भावपूर्ण प्रस्तुतियां दीं।

मधु भट्ट ने कहा कि कलाकार की राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी होती है, इसलिए कार्यशाला में राष्ट्रप्रेम से जुड़े ध्रुवपद प्रस्तुत किए गए। समापन समारोह में विद्यार्थियों ने बैरागी भैरव में वैदिक गणपति स्तोत्र, राग अहीर भैरव में पारंपरिक आलाप, राग शिवरंजनी में महेश्वर सूत्र, टैगोर की रचना अंतर मम विकसित करो और अटल बिहारी वाजपेयी की आओ फिर से दिया जलाएं जैसी कृतियों को ध्रुवपद शैली में प्रस्तुत किया। सोहनी, तोड़ी, भटियार, जोगेश्वरी और नट भैरव रागों में भी राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत रचनाओं ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

अंत में सारे जहां से अच्छा और वन्दे मातरम् की ध्रुवपद शैली में प्रस्तुति ने वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।

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