जयपुर। भाजपा के महामंत्री जितेन्द्र गोठवाल ने बताया कि “सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती” के अवसर पर पूरे भारत में चार यूनिटी मार्च निकाली जा रही हैं, जिनका उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और सरदार पटेल के योगदान को जन-जन तक पहुंचाना है। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में पिरोने का जो ऐतिहासिक कार्य किया, उसी भावना को लेकर यह सरदार पटेल 150वीं यूनिटी मार्च निकाली जा रही है। चारों प्रवाह यात्राएं हमारे देश की विविधता में एकता के प्रतीक के रूप में कार्य करेंगी।
भाजपा कार्यकर्ता और सरकार दोनों मिलकर इसे एक जन-आंदोलन का स्वरूप देंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा 22 नवंबर को नई दिल्ली में गंगा प्रवाह को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। गंगा प्रवाह दिल्ली से आरंभ होकर अलवर में प्रवेश करेगी और राजस्थान के अलवर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर से गुजरते हुए गुजरात के केवड़िया में पहुंचेगी। राजस्थान में इस प्रवाह के प्रदेश संयोजक नरेन्द्र पिलानिया, सह-संयोजक घनश्याम गौतम और सह-संयोजक अरुण प्रधान रहेंगे।
इनमें गंगा प्रवाह अलावा यमुना प्रवाह जयपुर से, नर्मदा प्रवाह नागपुर से और गोदावरी प्रवाह मुंबई से आरंभ होकर देश के विभिन्न राज्यों से होकर गुजरेंगी और अंततः गुजरात के आनंद जिले में स्थित केवड़िया (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) में एकत्र होंगी। यहाँ इनका सांकेतिक समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। यमुना प्रवाह संयोजक जितेंद्र झा ने बताया कि यमुना प्रवाह जयपुर से 26 नवंबर को आरंभ होगी। यमुना प्रवाह को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, भाजपा महामंत्री जितेंद्र गोठवाल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
इस दौरान भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष अंकित चेची, कार्यक्रम सह-संयोजक भीमराज मीणा और बाबूलाल गुर्जर सहित भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। यह प्रवाह जयपुर से पुष्कर, जैतारण, जोधपुर, पाली, माउंट आबू होते हुए गुजरात में प्रवेश करेगी और दो दिवसीय पैदल मार्च के पश्चात स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया में समापन होगा। भाजपा महामंत्री जितेंद्र गोठवाल ने बताया कि यूनिटी मार्च केंद्रीय स्तर पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी सरकार के साथ मिलकर पूर्ण सहयोग करेगी। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 8-10 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जाएगी।
जहाँ लोकसभा सांसद नहीं हैं, वहाँ राज्यसभा सांसदों को जिम्मेदारी दी गई है। यात्राओं का उद्देश्य देश में एकता, अखंडता और राष्ट्र निर्माण के प्रति संकल्प को पुनः दृढ़ करना है।

