लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश, पीएम सूर्यघर योजना के क्रियान्वयन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। प्रदेश ने अब तक 2.72 लाख से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट्स की स्थापना की है। इनसे राज्य में प्रतिदिन लगभग 40 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। आंकड़ों के अनुसार, छतों पर सौर ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 950 मेगावाट को पार कर गई है।
इस प्रदर्शन के साथ उत्तर प्रदेश, सोलर प्लांट की स्थापना में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद देश में तीसरे स्थान पर पहुँच गया है। योजना के तहत प्राप्त कुल आवेदनों के मामले में राज्य का दूसरा स्थान है। पीएम सूर्यघर योजना ने न केवल ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती दी है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभाई है। योजना की शुरुआत में जहाँ केवल 400 वेंडर पंजीकृत थे, वहीं अब उनकी संख्या बढ़कर लगभग 4,000 हो गई है। इसके कारण प्रदेश में 48,000 से अधिक डायरेक्ट रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
इसके अलावा, सप्लाई चेन और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में लाखों इनडायरेक्ट रोजगार भी उत्पन्न हुए हैं। योजना के तहत केंद्र सरकार ने 1,808 करोड़ रुपये और राज्य सरकार ने 584 करोड़ रुपये की सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में भेजी है। सोलर संयंत्रों से बिजली लागत में होने वाली वार्षिक बचत, राज्य के GDP में 0.2% से अधिक का योगदान दे रही है। यह पहल उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में भी मदद कर रही है। रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण परिणाम मिले हैं।
इन संयंत्रों के माध्यम से हर साल 11.3 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) एमिशन में कमी आ रही है, जो 2.3 करोड़ पेड़ों द्वारा कार्बन सोखने के बराबर है। इसके अतिरिक्त, इस मॉडल से लगभग 3,800 एकड़ कृषि भूमि की बचत भी हुई है। राज्य सरकार ने इस योजना को ‘सीएम युवा’ कार्यक्रम से भी जोड़ा है ताकि युवाओं को सौर ऊर्जा क्षेत्र में उद्यमी बनाया जा सके। यूपीनेडा के माध्यम से पैनल में शामिल होने वाले युवाओं को अपनी सौर वेंडर फर्म स्थापित करने के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य वर्ष 2027 तक रूफटॉप सौर स्थापना के मामले में गुजरात को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश को ‘सोलर प्रदेश यूपी’ के रूप में स्थापित करना है। यह कदम प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ एक ग्रीन और सस्टेनेबल भविष्य की ओर ले जाएगा।

