उत्तराखंड ने खनन सुधारों में नया कीर्तिमान स्थापित किया

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने खनन सुधारों में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में राज्य को लघु खनिज सुधारों के लिए देश में दूसरा स्थान मिला है। इस शानदार प्रदर्शन के लिए केंद्र ने उत्तराखंड को कुल 200 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। यह प्रोत्साहन राशि दो अलग-अलग श्रेणियों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए दी गई है। राज्य को लघु खनिज सुधारों में दूसरे स्थान पर रहने के लिए 100 करोड़ रुपये मिले हैं।

इसके अलावा, केंद्र द्वारा तैयार ‘स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स’ (SMRI) की श्रेणी-C में भी उत्तराखंड ने दूसरा स्थान हासिल किया, जिसके लिए अलावा 100 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत की गई है। पारदर्शी नीतियों से बदली तस्वीर मुख्यमंत्री धामी ने पदभार संभालने के बाद खनन क्षेत्र में ट्रांसपेरेंसी लाने और संवेदनशील प्रशासन पर जोर दिया। इसके तहत खनन लॉटों के एलोकेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह ट्रांसपेरेंट बनाया गया। साथ ही, इलीगल माइनिंग पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाए गए, जिससे इस क्षेत्र में जवाबदेही बढ़ी है।

सरकार ने खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए आधुनिक ‘माइनिंग सर्विलांस सिस्टम’ भी विकसित किया। इस डिजिटल मॉनिटरिंग प्रणाली से खनन परिवहन और अन्य गतिविधियों पर चौबीसों घंटे नजर रखना आसान हो गया है, जिससे अवैध गतिविधियों पर रोक लगी है। राजस्व में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और दूसरे राज्यों के लिए मिसाल सरकार के इन सुधारात्मक प्रयासों का सीधा असर राजस्व पर दिखा है। पिछले चार वर्षों में उत्तराखंड के खनन राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि पारदर्शी नीतियां राज्य की आय बढ़ाने में सफल रही हैं।

केंद्र सरकार की समीक्षा रिपोर्ट में भी उत्तराखंड के प्रयासों की सराहना की गई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, उत्तराखंड ने खनन सुधारों को व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से लागू किया है। उत्तराखंड का यह खनन मॉडल अब अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन गया है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य भी धामी सरकार की खनन नीतियों का अनुसरण कर रहे हैं।

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform
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