नई दिल्ली। सरकार ने लद्दाख के सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के गैर सरकारी संगठन का विदेशी अंशदान नियमन पंजीकरण प्रमाण पत्र (एफसीआरए) वित्तीय अनियमितताओं और कानूनों के उल्लंघन के कारण रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वांगचुक के संगठन स्टूडेन्ट्स एजूकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख में अनियमितताओं का पता चलने के बाद गत 20 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। संगठन ने 19 सितम्बर को इसका जवाब दिया था।
संगठन के जवाब की जांच से पता चला है कि संगठन के खाते में अधिनियम की धारा 17 का उल्लंघन करते हुए साढे 3 लाख रुपए की राशि जमा कराई गई थी। गृह मंत्रालय ने स्वीडन के एक दानदाता से करीब पांच लाख रुपए की राशि के दान पर भी सवाल उठाए हैं। लेह में बड़ी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बल तैनातश्रीनगर। लेह में बुधवार को अलग राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुई हिंसा के कारण भारतीय सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत सुरक्षात्मक प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे। एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार शाम से हिंसा की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगा थी और कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था, लेकिन गुरुवार को क्षेत्र में फिर से शांति कायम हो गई है। केंद्र ने बताया वांगचुक को जिम्मेदार केंद्र सरकार का आरोप है कि इस हिंसा के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जिम्मेदार हैं।
वांगचुक राज्य की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे, लेकिन कल की हिंसा के बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली है।