जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक (Anti Conversion Religious Bill) पेश करने की तैयारी में है। यह विधेयक सोमवार को बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। इसमें जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में सख्त प्रावधान किए जाने की संभावना है, जिसमें दोषियों के लिए जेल की सजा भी शामिल हो सकती है।
धर्मांतरण विरोधी विधेयक की लंबे समय से मांग
राजस्थान में 2023 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही सत्तारूढ़ दल के भीतर धर्मांतरण विरोधी विधेयक को लागू करने की मांग उठ रही थी। अब सरकार इस पर कदम उठाने जा रही है।
लिव-इन रिलेशनशिप पर भी सख्ती के संकेत
राजस्थान सरकार लिव-इन रिलेशनशिप (बिना शादी के साथ रहने वाले जोड़े) पर भी नए कानूनी प्रावधान जोड़ सकती है। प्रस्तावित विधेयक में उत्तराखंड की तर्ज पर कड़े नियम बनाए जाने की संभावना है। इसके तहत, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति दूसरे धर्म में शादी करता है, तो उसके लिए भी नए नियम और शर्तें लागू की जा सकती हैं।
पहले भी हो चुकी है कोशिश
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान साल 2006 और 2008 में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक दो बार विधानसभा में पारित हुआ था। हालांकि, उस समय की यूपीए सरकार ने इस बिल को मंजूरी नहीं दी थी। अब इस नए विधेयक में उन पुराने नियमों और प्रावधानों को भी शामिल किए जाने की संभावना है।
अब देखना यह होगा कि धर्मांतरण विरोधी विधेयक को विधानसभा में कितनी सहमति मिलती है और इसके किन प्रावधानों को अंतिम रूप दिया जाता है।
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