नई दिल्ली। पहली बार तीनों सेनाओं की महिला जल यात्रा समुद्र प्रदक्षिणा गुरुवार को मुंबई से शुरू हुई, जिसमें 10 महिला अधिकारी अगले 9 महीनों में स्वदेशी नौकायन पोत त्रिवेणी पर सवार होकर लगभग 26 हजार समुद्री मील की यात्रा करेंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस नौकायन अभियान को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से रवाना किया। राजनाथ सिंह ने इस यात्रा को नारी शक्ति, सशस्त्र बलों की एकता, आत्मनिर्भर भारत और भारत की सैन्य कूटनीति एवं वैश्विक दृष्टिकोण का ज्वलंत प्रतीक बताया है।
नारी शक्ति और विकसित भारत के विजन को स्मरण करते हुए रक्षा मंत्री ने साउथ ब्लॉक से अपने संबोधन में कहा कि इस अभियान के दौरान महिला अधिकारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उनके दृढ़ संकल्प की लौ अंधकार को चीरती रहेगी। वे सुरक्षित घर लौटेंगी और दुनिया को दिखाएंगी कि भारतीय महिलाओं का पराक्रम किसी भी सीमा से परे है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अगले नौ महीनों में 10 महिला अधिकारी स्वदेश निर्मित भारतीय सेना नौकायन पोत (आईएएसवी) त्रिवेणी पर सवार होकर पूर्वी मार्ग पर लगभग 26 हजार समुद्री मील की यात्रा करेंगी।
वे भूमध्य रेखा को दो बार पार करेंगी और तीन महान अंतरीपों लीउविन, हॉर्न और गुड होप का चक्कर लगाएंगी। इस दौरान वे सभी प्रमुख महासागरों और दक्षिणी महासागर तथा ड्रेक पैसेज सहित कुछ सबसे खतरनाक जल क्षेत्रों को पार करेंगी। मई, 2026 में मुंबई लौटने से पहले यह दल चार अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों का भी दौरा करेगा। वर्चुअल फ्लैग-ऑफ के दौरान साउथ ब्लॉक में रक्षा मंत्री के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह मौजूद थे।
गेटवे ऑफ इंडिया पर पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।