पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले पहलवानों का विवाद सुलझाने की कवायद

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नई दिल्ली, 7 जून ()। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सरकार शुरू से ही यह दावा कर रही है कि पहलवानों की बात सुनी जा रही है और इस पूरे मामले में कानून अपना काम कर रहा है लेकिन इसके बावजूद पहलवानों के मुद्दे ने जिस तरह से तूल पकड़ा और 28 मई को पहलवानों को घसीटे जाने की तस्वीरें जिस तरह से देश के साथ-साथ विदेशों में भी वायरल हुई, उसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की बिगड़ रही छवि ने सरकार को चिंतित कर दिया है।

यही वजह है कि सरकार ने अब पहलवानों के इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझा लेने के लिए फिर से अपनी कोशिश शुरू कर दी है। इन्ही कोशिशों के तहत पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलवानों से मुलाकात की और अब केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पहलवानों को फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।

सूत्रों की माने तो, सरकार यह चाहती है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, दिल्ली पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है और अब कानूनी प्रक्रिया के जरिए दोषी व्यक्ति के खिलाफ अगर आरोप साबित हो जाते हैं तो अदालत दोषी को सजा देगी लेकिन इस मसले पर अनावश्यक राजनीतिक बयानबाजी और धरना प्रदर्शन अब बंद होना चाहिए क्योंकि इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि खराब हो रही है। सूत्रों की माने तो, दिल्ली पुलिस की जांच अपने अंतिम चरण में है और जल्द इसकी रिपोर्ट भी आ सकती है।

सरकार और भाजपा, दोनों के लिए इस मसले पर स्थिति लगातार असहज होती जा रही है। 28 मई को पहलवानों को घसीटे जाने की तस्वीरें देश के साथ-साथ दुनियाभर में वायरल हो रही है। खाप पंचायतों के इस विवाद में उतरने के बाद किसान आंदोलन जैसी स्थिति पैदा होने का खतरा बनने लगा था, यहां तक कि भाजपा के लिए जाट वोटरों के नाराज होने का भी खतरा पैदा हो गया था।

भाजपा की चुनावी जीत में महिला मतदाताओं की भूमिका काफी अहम रही है लेकिन महिला पहलवानों के यौन शोषण का मुद्दा गरमाने की वजह से उनके भी छिटकने का खतरा बढ़ता जा रहा था।

भाजपा के महिला सांसदों के लिए भी इस पर जवाब देना मुश्किल होता जा रहा था। भाजपा की महिला सांसद प्रीतम मुंडे ने तो यह बयान भी दे दिया कि महिला पहलवानों की शिकायत पर तुरंत विचार होना चाहिए। भाजपा के कुछ अन्य सांसदों को भी अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में जाकर इसी तरह का बयान देना पड़ रहा था।

सूत्रों की माने तो, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जांच और कानूनी प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष होगी लेकिन अब इस पर राजनीति बंद होनी चाहिए। खेल मंत्री के निमंत्रण के बाद पहलवानों और सरकार की बातचीत भी फिर से शुरू होने की उम्मीद है।

उच्चस्तरीय सूत्रों की माने तो, सरकार की कोशिश है कि इस विवाद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसी महीने होने वाली अमेरिकी यात्रा से पहले सुलझा लिया जाए।

एसटीपी/

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform
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