राजस्थान और हरियाणा के बीच यमुना जल पाइपलाइन परियोजना का समझौता

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जयपुर। राजस्थान और हरियाणा सरकारों के बीच यमुना जल पाइपलाइन परियोजना को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। दोनों राज्यों ने हथिनीकुण्ड बैराज से यमुना का जल भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूँ और अन्य जिलों तक पहुंचाने के लिए साझा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने संबंधी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के अनुसार प्रस्तावित परियोजना के प्रथम चरण में भूमिगत पाइपलाइन के जरिए यमुना के पानी को पेयजल एवं अन्य उपयोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। जुलाई से अक्टूबर के बीच अधिकतम 577 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) जल राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूँ सहित आसपास के जिलों तक पहुंचाया जाएगा।

इससे शुष्क इलाकों में पेयजल संकट काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है। एमओयू के प्रावधान के मुताबिक, राजस्थान को जल आपूर्ति तभी होगी जब हरियाणा की पश्चिमी यमुना नहर की पूरी क्षमता (24000 क्यूसेक), जिसमें दिल्ली का हिस्सा भी शामिल है, का उपभोग किया जा चुका होगा। इसके लिए दोनों राज्यों ने संयुक्त कार्यबल का गठन कर लिया है। वहीं राजस्थान सरकार ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति भी कर दी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार यह परियोजना दोनों राज्यों की साझा पहल है, जिससे जल संकट से जूझ रहे इलाकों को बड़ी राहत मिलेगी। डीपीआर तैयार होने के बाद ही कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना से राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों में न केवल पेयजल संकट कम होगा बल्कि कृषि और अन्य आवश्यकताओं के लिए भी जल उपलब्धता में सुधार होगा। यह समझौता दोनों राज्यों के सहयोग से जल प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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