लखनऊ/सोनभद्र: जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर सोनभद्र के चोपन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदिवासी समाज के विकास और सम्मान को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने इस मौके पर 1,000 जनजातीय परिवारों को वन अधिकार कानून के तहत जमीन के पट्टे सौंपे और कहा कि डबल इंजन की सरकार आदिवासियों की सुरक्षा और स्वावलंबन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समुदाय को विकास की मुख्यधारा में अग्रणी भागीदार बनाया जा रहा है।
उन्होंने इस दिवस को केवल स्मरण का अवसर नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव को विकास से जोड़ने का एक संकल्प बताया। धरती आबा बिरसा मुंडा को नमन मुख्यमंत्री ने धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का जिक्र करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मात्र 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बिरसा मुंडा का संघर्ष आज भी प्रेरणा देता है। “बिरसा मुंडा का ‘अबुआ देश, अबुआ राज’ का संदेश आज नए भारत में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के रूप में प्रकट हो रहा है।
उनका संघर्ष जनजातीय अधिकारों के लिए एक नई दिशा थी।” — योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को सम्मानित भी किया। वन अधिकार कानून से मिला हज़ारों को हक़ सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारें निर्णय लेने से बचती रहीं, लेकिन वर्तमान सरकार ने जनजातीय समुदाय को उनका वास्तविक अधिकार दिलाया है। उन्होंने बताया कि अब तक 23,000 से अधिक पट्टों को स्वीकृति दी जा चुकी है। बुधवार को 1,000 नए पट्टों के वितरण से इन परिवारों को सुरक्षा और स्थिरता का नया आधार मिला है।
सांस्कृतिक विविधता की बात कर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि “सांस्कृतिक विविधता भारत की आत्मा है और सरकार संग्रहालयों व सांस्कृतिक प्रतिष्ठानों के जरिए इसे संरक्षित करने के लिए काम कर रही है”। ऊर्जा राजधानी से बढ़कर है सोनभद्र की पहचान मुख्यमंत्री ने सोनभद्र की विशिष्ट पहचान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह जिला केवल ऊर्जा की राजधानी नहीं, बल्कि मानव इतिहास, प्राकृतिक संपदा और धार्मिक महत्व का केंद्र भी है।
उन्होंने सलखन फॉसिल पार्क, शिवद्वार पंचमुखी महादेव और ज्वालामुखी शक्तिपीठ का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश की 15 में से 14 जनजातियाँ सोनभद्र में निवास करती हैं, जो इसे जनजातीय जीवन का एक समृद्ध केंद्र बनाता है। शिक्षा और कौशल विकास पर ज़ोर जनजातीय युवाओं के भविष्य को लेकर सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने बताया कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, आश्रम पद्धति विद्यालय, कस्तूरबा गांधी विद्यालय और अभ्युदय कोचिंग के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।
इसके अलावा, पर्यटन, औषधीय पौधों और वन उत्पादों से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि जनजातीय परिवारों की आय बढ़े और उनके पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण हो सके।

