टूना मछली निर्यात घोटाले में लक्षद्वीप के सांसद, भतीजे सीबीआई के रडार पर

Sabal Singh Bhati
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टूना मछली निर्यात घोटाले में लक्षद्वीप के सांसद, भतीजे सीबीआई के रडार परनई दिल्ली, 24 जून ()। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक डीआईजी के नेतृत्व में टूना मछली के निर्यात से संबंधित 25 सदस्यीय टीम लक्षद्वीप प्रशासन के कुछ विभागों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के संबंध में लक्षद्वीप प्रशासन के सतर्कता अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण कर रही है।

सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि लक्षद्वीप के एक सांसद मोहम्मद फैजल और उनके भतीजे अब्दुल रजाक उनके रडार पर हैं। दोनों कोलंबो स्थित एक फर्म एसआरटी जनरल मर्चेंट इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट के मालिक हैं।

जिन विभागों में छापेमारी की जा रही है उनमें लक्षद्वीप सहकारी विपणन संघ (एलसीएमएफ), मत्स्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, खादी बोर्ड और सहकारी समिति और पशुपालन विभाग शामिल हैं।

सीबीआई सूत्र ने कहा, यह आरोप लगाया गया था कि एलसीएमएफ, सार्वजनिक वितरण विभाग, लक्षद्वीप प्रशासन के कुछ लोक सेवकों ने जनप्रतिनिधियों और लोक सेवकों की मिलीभगत से श्रीलंका की एक कंपनी को टूना मछली के निर्यात के मामले में अपेक्षित निविदा का पालन किए बिना एलसीएमएफ को नुकसान पहुंचाया।

यह आगे आरोप लगाया गया था कि एलसीएमएफ ने सांसद मोहम्मद फैजल के प्रभाव में स्थानीय मछुआरों से बड़ी मात्रा में टूना मछली की खरीद की।

खरीदी गई मछली को एलसीएमएफ द्वारा पड़ोसी देश में स्थित एक कंपनी को निर्यात किया गया था जिसने एलसीएमएफ को भुगतान नहीं किया था। इससे एलसीएमएफ को भारी नुकसान हुआ।

फैजल के भतीजे रजाक के प्रभाव में एलसीएमएफ ने टूना मछली की खरीद की थी। इसे बाद में श्रीलंका स्थित फर्म को निर्यात किया गया, जिसमें वे स्वयं एक प्रतिनिधि हैं।

मत्स्य विभाग, लक्षद्वीप प्रशासन के कुछ अज्ञात लोक सेवकों ने दूसरों के साथ मिलकर लक्षद्वीप द्वीप के गरीब निवासियों के नाम पर बड़ी संख्या में नावों को अवैध रूप से पंजीकृत करके भारी मात्रा में सब्सिडी की ठगी की। ये नावें गरीब मछुआरों के लिए सब्सिडी वाले डीजल से चलाई जा रही हैं।

आरएचए/एएनएम

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