नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के उस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया, जो चुनाव में मतदान के लिए मतपत्रों के बजाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के उपयोग से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई योग्यता नहीं है। अदालत ने 1951 के अधिनियम की धारा 61 ए को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जो चुनावों में वोटिंग मशीनों के उपयोग से संबंधित है।
पीठ ने कहा, हमें याचिका में कोई योग्यता नहीं मिली, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।
याचिकाकर्ता के तौर पर अधिवक्ता एम. एल. शर्मा ने कहा कि उन्होंने अधिनियम की धारा 61 ए को चुनौती दी है कि इसे लोकसभा या राज्यसभा में मतदान के माध्यम से पारित नहीं किया जाता है, पीठ ने पूछा कि क्या वह सदन में जो है, उसे चुनौती दे रहे हैं, या वह आम मतदान को चुनौती दे रहे हैं?
पीठ ने सवाल किया, आप किसे चुनौती दे रहे हैं?
इस पर शर्मा ने कहा कि वह अधिनियम की धारा 61 ए को चुनौती दे रहे हैं, जिसमें ईवीएम के उपयोग की अनुमति है और कहा कि यह अधिनियम सदन में मतदान द्वारा पारित नहीं किया गया है।
जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए, पीठ ने कहा, हम यह कहते रहते हैं कि जनहित याचिका के साथ हर मामले पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। जहां कुछ सामग्री (कंटेंट) होगा तो ही हम विचार करेंगे।
आईएएनएस
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