टॉप्स ने भारत में खेलों को एक अलग आयाम दिया है : मनशेर सिंह

IANS
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टॉप्स ने भारत में खेलों को एक अलग आयाम दिया है : मनशेर सिंह नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के प्रसिद्ध शॉटगन निशानेबाजों में से एक मंशेर सिंह का मानना है कि ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) ने देश के खेल को एक अलग मोड़ दिया है।

1994 के विक्टोरिया में एक व्यक्तिगत स्वर्ण सहित ट्रैप शूटिंग में दो बार के राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता मनशेर सिंह ने कहा, एक समय में एथलीटों को राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ) के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण और एक्सपोजर ट्रिप के लिए मंजूरी पाने के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता था, लेकिन वर्तमान में यह एक आसान काम है, जिसमें टॉप्स सुनिश्चित करता है कि एथलीट की हर आवश्यकता का ध्यान रखा जाता है।

चार बार के ओलंपियन और एशियाई खेलों में तीन रजत सहित चार पदक जीतने वाले मनशेर के साथ बातचीत के अंश इस प्रकार हैं :

प्रश्न : टॉप्स ने भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे बदल दिया है?

उत्तर : जब मैं टीम से जुड़ा था, इसे एनएसडीएफ (राष्ट्रीय खेल विकास कोष) कहा जाता था और उनके खिलाड़ियों के पास इस बात की सीमा थी कि वे एक वर्ष में कितना धन उपयोग कर सकते हैं। मुझे लगता है कि टॉप्स ने अब इसे बढ़ा दिया है। यह इस अर्थ में दूसरे आयाम में चला गया है कि खर्च करने की कोई समय सीमा नहीं है। यह अब एथलीट की आवश्यकता और ओलंपिक में जीतने की योग्यता, उसके पिछले प्रदर्शन आदि पर निर्भर करता है।

प्रश्न : क्या सरकार वास्तव में टॉप्स के माध्यम से भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है?

उत्तर : टॉप्स के बारे में बात करते समय दो चीजें हैं, जिनके बारे में मैं वास्तव में सकारात्मक हूं। पहली सरकार की मंशा है। सरकार न केवल एथलीटों को प्रशिक्षण देने के अर्थ में बल्कि उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें पुरस्कृत करने के अर्थ में भी खेल के लिए वास्तव में सक्रिय हो गई है। टॉप्स के साथ मिलकर इसने बहुत बड़ा प्रभाव डाला है।

अब, बड़ी प्रतियोगिताओं में जीतते ही नकद पुरस्कार दिए जाते हैं। हमारे समय में, पुरस्कार मिलने में 1-2 साल लग जाते थे। प्रधानमंत्री की ओर से हर बहु-विषयक कार्यक्रम के लिए सीधे अभिनंदन समारोह आयोजित किया जाता है। इसलिए, प्रभाव ठोस रहा है और यह भारतीय खेल प्राधिकरण और खेल मंत्रालय जैसे संगठन अब बहुत सक्रिय हैं।

प्रश्न : आपने दूसरे पहलू के बारे में भी बताया?

उत्तर : दूसरा पहलू यह है कि जब आप मेरे युग के दौरान राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ) को देखते हैं, तो खेल महासंघ अपने एथलीटों को नामांकित करते थे और उन्हें धन मुहैया कराया जाता था। टॉप्स में एक टीम है, जो हमेशा राष्ट्रमंडल, एशियाई और ओलंपिक खेलों को प्राथमिकता के साथ सभी विषयों में एथलीटों के प्रदर्शन की जांच और समीक्षा करती है।

प्रश्न : तो, क्या आपको लगता है कि टॉप्स शीर्ष पर पहुंचाने के लिए एक महत्वाकांक्षी एथलीट के लिए एक उचित व्यवस्था है?

उत्तर : टॉप्स के साथ, मुझे लगता है, पूरी प्रणाली अब स्काउटिंग, विकास, प्रशिक्षण और राष्ट्रीय टीम में शामिल हो रही है। एक तरह से, अगर कोई एथलीट वास्तव में ओलंपिक पदक जीतना चाहता है, तो उनके लिए हमेशा दरवाजे खुले हुए हैं।

प्रश्न : मेरा मानना है कि टॉप्स न केवल कुलीन खिलाड़ियों के लिए बल्कि विकासात्मक दस्तों के लिए भी है?

उत्तर : टॉप्स में दो पायदान होते हैं। विकास दल वह है जहां वे भविष्य के लिए क्षमता पाते हैं, जबकि दूसरा अभिजात वर्ग एथलीटों की श्रेणी है। ओलिंपिक फाइनल में पहुंचने या उच्चतम स्तर पर पदक जीतने की संभावना या क्षमता रखने वाले और चयन के दरवाजे पर दस्तक देने वाले दोनों ही टॉप्स में शामिल हैं।

प्रश्न : योजना के लिए टॉप्स खिलाड़ियों को कैसे शॉर्टलिस्ट करता है?

उत्तर : यह अब एक बहुत ही पेशेवर प्रक्रिया है। एथलीट कैसे प्रदर्शन कर रहे हैं, यह देखने के लिए अनुमान लगाए जाते हैं, स्कोर का विश्लेषण किया जाता है और ऐतिहासिक पैटर्न देखे जाते हैं। प्रतिष्ठित विश्लेषक और पेशेवर लगातार एथलीटों के मापदंडों का विश्लेषण करने के काम पर हैं।

प्रश्न : क्या टॉप्स देश में खेल के परि²श्य को बदल रहा है?

उत्तर : हां, आप अधिक से अधिक एथलीटों को देख रहे हैं जो योग्य हैं और इस योजना में शामिल होना चाहते हैं। टॉप्स में प्रवेश करना अब प्रतिष्ठा की बात है क्योंकि यह एक एथलीट के लिए अंतिम चीज है। दो-तीन साल के लिए आपको बेहतरीन फंडिंग और बेहतरीन कोचिंग मिलती है।

प्रश्न: आपको क्या लगता है कि सरकार के लिए सबसे पहले टॉप्स लॉन्च करने का ट्रिगर क्या था?

उत्तर : मुझे लगता है कि यह भारतीय एथलीटों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बराबर लाने के लिए है। सरकार की यह सोच है कि वे अन्य देशों के खिलाड़ियों से कम न हो।

आईएएनएस

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