नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। अपने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के सपने पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश को अपने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है।
75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा और जैव ईंधन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने तक, देश को ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए अगले स्तर तक पहुंचने की आवश्यकता है।
ईवी के लिए मोदी का जोर तब आया जब इलेक्ट्रिक दोपहिया उद्योग, बैटरी विस्फोट और आग की घटनाओं पर जांच का सामना कर रहा है, जिसके कारण कई सरकारी जांच हुई है।
मेक इन इंडिया फॉर द वल्र्ड पर हाल ही में एक वेबिनार में, प्रधानमंत्री ने उद्योग से सेमीकंडक्टर्स और ईवी जैसे क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों का दोहन करने के लिए कहा था।
उन्होंने उद्योग से ईवी क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा था, अगर हम राष्ट्रीय सुरक्षा के चश्मे से देखें तो आत्मनिर्भरता अधिक महत्वपूर्ण है। निजी क्षेत्र को स्थानीय के लिए मुखर होने की जरूरत है।
टोक्यो में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के वरिष्ठ सलाहकार ओसामु सुजुकी के साथ अपनी हालिया बैठक में, मोदी ने भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा की, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी के लिए उत्पादन सुविधाएं स्थापित करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि 2030 तक, भारत की अर्थव्यवस्था ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता में 2005 की तुलना में 45 प्रतिशत की कटौती करेगी।
नीति आयोग ने अनुमान लगाया है कि 2030 तक लगभग 80 प्रतिशत दोपहिया और तिपहिया वाहन, 40 प्रतिशत बसें और 30-70 प्रतिशत कारें बिजली से चलेंगी।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सिस्टम में भारत के आने से अकेले तेल आयात पर 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
आईएएनएस
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