शहरों की स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रैंकिंग शुरू करेगा केंद्र

Sabal Singh Bhati
3 Min Read

नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केंद्र सरकार स्वच्छ वायु सर्वेक्षण शुरू करेगी, जो राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के हिस्से के रूप में तैयार की गई सिटी एक्शन योजनाओं को लागू करने के लिए देश के 131 शहरों की रैंकिंग को बढ़ावा देगा। इसका उद्देश्य 2025-26 तक वायु प्रदूषण को 40 प्रतिशत तक कम करना है।

सर्वेक्षण के लिए 131 शहरों को जनसंख्या के आधार पर तीन समूहों में बांटा गया है। पहले समूह में दस लाख से अधिक आबादी वाले 47 शहर हैं। दूसरे समूह में तीन से दस लाख तक की आबादी वाले 44 शहर हैं। तीसरे समूह में तीन लाख से कम आबादी वाले 40 शहर शामिल हैं।

23-24 सितंबर को गुजरात के एकता नगर में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रियों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। सम्मेलन का उद्घाटन कल प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम पर एक समानांतर सत्र के दौरान, राज्यों को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण – शहरों की रैंकिंग पर दिशानिर्देशों के बारे में बताया गया।

पर्यावरण और वन मंत्रालय के अनुसार, शहरों को पीआरएएनए ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए ढांचे के अनुसार स्व-मूल्यांकन करना होगा। शहरों को ठोस कचरा प्रबंधन, निर्माण सामग्री और मलबा प्रबंधन और प्रदूषण कम करने जैसी गतिविधियों और उपायों की रिपोर्ट देनी होगी। यह आकलन हर साल किया जाता है।

स्व-मूल्यांकन और तृतीय-पक्ष मूल्यांकन के आधार पर, प्रत्येक समूह में तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों को नकद पुरस्कार दिया जाएगा। यह प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना से हवा की गुणवत्ता में सुधार के उपाय करने के लिए रचनात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।

यह सर्वेक्षण शहरों को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कार्यों की योजना बनाने के लिए अच्छी पहल है। यह शहरों को रैंक करने के लिए वायु गुणवत्ता मानकों के मापन पर आधारित नहीं है। यह विभिन्न डोमेन में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहरों द्वारा की गई कार्रवाइयों पर आधारित है। शहरों द्वारा की गई कार्रवाइयों से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।

मंत्रालय ने कहा कि, इस प्रकार यह वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक योजना कार्यान्वयन उपकरण प्रदान करता है और शहरों का आकलन करता है कि उन्होंने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कार्यों को कितना बेहतर तरीके से संरेखित किया है।

आईएएनएस

केसी/एएनएम

Share This Article