बिहार में लालू यादव के जंगलराज जैसी है मौजूदा ग्रामीण सड़कों की स्थिति : प्रशांत किशोर

Sabal Singh Bhati
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बेतिया, 8 नवंबर । बिहार की राजनीति में अपन पहचान बनाने में जुटे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि बिहार की राजनीति में एक अच्छा विकल्प नहीं होने की वजह से लोग अपनी समर्थित पार्टियों को वोट नहीं करते जिसके वे समर्थक हैं, बल्कि लोग दूसरी पार्टी को हराने के लिए वोट कर रहे हैं। उन्होंने वर्तमान नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि लालू यादव के जंगलराज जैसी ही मौजूदा ग्रामीण सड़कों की स्थिति है।

अपने जन सुराज पदयात्रा के 38 वें दिन आज प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के बैरिया प्रखंड के तड़वा नंदपुर स्थित पदयात्रा शिविर में मीडिया से बात की। पदयात्रा के दौरान दिख रही समस्यायों का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को बालू और गिट्टी की उपलब्धता नहीं होने की वजह से सरकार से मिली किश्त की सारी रकम खुद ही देना पड़ता है।

पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि हमने देखा की बिहार की ग्रामीण सड़कों की हालत लालू प्रसाद के जंगलराज जैसी ही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से वो हर रोज लगभग 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। 3-4 दिन पर वे एक दिन रुक कर पदयात्रा के दौरान जिन गांवों और पंचायतों से वे गुजर रहे हैं, वहां की समस्याओं का संकलन करते हैं, जिससे पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना कर उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि 13 नवंबर को जन सुराज अभियान के पश्चिम चंपारण जिले का अधिवेशन बेतिया में होगा। जहां जिले के जन सुराज अभियान से जुड़े सभी लोग उपस्थित रहेंगे और लोकतांत्रिक तरीके से वोटिंग के माध्यम से तय करेंगे की राजनीतिक दल बनना चाहिए या नहीं।

पश्चिम चंपारण जिले की समस्याओं पर विस्तार से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि वनराज अधिनियम लागू नहीं होने की वजह से जिले जो पत्थर तोड़कर गिट्टी बनाने का काम चला रहा था वह अब समाप्त हो चुका है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया नहीं हो पा रहा है। इस वजह से लोग 12-15 हजार की नौकरी के लिए लद्दाख से लेकर केरल तक जाने को मजबूर हैं।

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