कर्नाटक : भाजपा नेता बोले, अंग्रेजों के खिलाफ टीपू के संघर्ष को दरकिनार नहीं किया जा सकता

Sabal Singh Bhati
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बेंगलुरु, 10 नवंबर (आईएएनएस)। हिंदू समूहों की धमकियों और भाजपा सरकार की उदासीनता के बीच गुरुवार को कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में टीपू सुल्तान जयंती मनाई गई।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सदस्यों ने विरोध के बीच हुबली के ईदगाह मैदान परिसर में टीपू जयंती मनाई। कार्यक्रम में एआईएमआईएम की संयुक्त सचिव विजया गुंटराला और अन्य नेताओं ने भाग लिया।

टीपू सुल्तान के चित्र पर माल्यार्पण किया गया, पुष्पांजलि अर्पित की गई और पवित्र कुरान की आयतें पढ़ी गईं। एआईएमआईएम नेताओं ने भी टीपू सुल्तान की जय-जयकार करते हुए नारेबाजी की। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद पुलिस ने तुरंत ईदगाह मैदान के मैदान से टीपू सुल्तान के फोटो और फ्लेक्स को स्थानांतरित कर दिया।

इस बीच मैसूर में टीपू जयंती में शामिल हुए भाजपा एमएलसी एच. विश्वनाथ ने पार्टी लाइन से हटते हुए कहा कि किसी को भी अंग्रेजों के खिलाफ टीपू सुल्तान के संघर्ष के इतिहास को विकृत करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, टीपू सुल्तान भूमि के स्वाभिमान का प्रतीक है। मैसूर के टाइगर टीपू सुल्तान के प्रशासन, वीरता, वीरता को दरकिनार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, टीपू सुल्तान पर यह आरोप कि उसने 80,000 लोगों को मार डाला और 40,000 लोगों को धर्मातरित किया, काल्पनिक है। उस उम्र की आबादी की तुलना में, यह तर्क खड़ा नहीं होगा। जो लोग टीपू सुल्तान के बारे में नहीं जानते, वे उसके खिलाफ प्रचार में लिप्त हैं।

विश्वनाथ ने यह भी कहा कि टीपू सुल्तान एकमात्र ऐसा राजा है, जिसने दुश्मनों के सामने घुटने नहीं टेके।

उन्होंने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप टीपू सुल्तान के बारे में किस पार्टी से बात करते हैं। भाजपा में होने के बावजूद मैं कहूंगा, टीपू एक गर्वित कन्नड़ हैं, वह मैसूर के बाघ हैं। उनका व्यक्तित्व सभी जातियों और धर्मो से ऊपर है। कोई भी इतिहास नहीं बदल सकता। चाहे कुछ भी कहा जा रहा हो, इतिहास नहीं बदलेगा।

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि टीपू सुल्तान एक देशभक्त, बहादुर स्वतंत्रता सेनानी, कुशल प्रशासक और एक सहिष्णु और एक आदर्श लोकप्रिय नेता थे। उन्होंने कहा, मैं टीपू सुल्तान के बलिदान, वीरता को याद करता हूं, जिन्होंने टीपू जयंती के अवसर पर ब्रिटिश साम्राज्य को पूरे गर्व के साथ हरा दिया था।

आईएएनएस

एसजीके

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