टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल के कानूनी खचरें के सोर्स को ट्रैक करेंगी एजेंसियां

Sabal Singh Bhati
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कोलकाता, 16 दिसम्बर ()। जांच एजेंसियां तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल के करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले में कथित संलिप्तता के मामले में कानूनी खचरें को पूरा करने के लिए किए गए भारी खर्च का वित्तपोषण कौन कर रहा है इसकी जांच करेंगी।

अनुब्रत मंडल की न्यायिक हिरासत के पिछले चार महीनों के दौरान, दोनों एजेंसियों ईडी और सीबीआई ने संपत्तियां जब्त की हैं और उनकी बेटी सुकन्या मंडल, उनकी दिवंगत पत्नी छोबी मंडल के साथ-साथ उनके कई करीबी परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। अब एजेंसियों के सामने सवाल ये है कि कानूनी खचरें को पूरा करने के लिए किए गए भारी खर्च का वित्तपोषण कौन कर रहा है?

किसी भी घोटाले में पैसे के लेन-देन पर नजर रखने वाली दो एजेंसियों, विशेष रूप से ईडी ने अब कानूनी खचरें के लिए धन के इस सोर्स को ट्रैक करने और इस फंड की आपूर्ति के पीछे व्यक्ति या व्यक्तियों की पहचान करने के लिए एक समानांतर जांच शुरू की है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि इस साल अगस्त में सीबीआई द्वारा मंडल की गिरफ्तारी के बाद से वह आसनसोल, कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की विशेष अदालत की तरह अपनी जमानत पाने के लिए कई अदालतों का दोहन कर रहा था।

इन सभी अदालतों में उसने टॉप और हाई-प्रोफाइल वकीलों का एक समूह नियुक्त किया था। विशेष रूप से कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनकी तरफ से देश के टॉप वकील उपस्थिति हुए जिनकी फीस लाखों में थी। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, अब यह सवाल अपने आप सामने आता है कि इतने बड़े कानूनी खचरें को पूरा करने के लिए इस तरह के फंड कहां से लाए जाते हैं या कौन और इस तरह के फंड के प्रावधानों का प्रबंधन कर रहा है। मामले की जांच की जा रही है।

वर्तमान में यह मामला बेहद महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि ईडी राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय एजेंसी के मुख्यालय में पूछताछ के लिए मंडल को दिल्ली ले जाने का प्रयास कर रही है। वहीं, इस मामले में ईडी की कोशिशों को विफल करने के लिए बेताब मंडल ने कई हाई-प्रोफाइल वकीलों को अलग-अलग अदालतों में पेशी के लिए नियुक्त किया है।

दरअसल विपक्षी दलों के नेता लंबे समय से सार्वजनिक रूप से मंडल की ओर से इतना बड़ा कानूनी खर्च करने के लिए धन के सोर्स पर सवाल उठाते रहे हैं।

एफजेड/एएनएम

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