दिल्ली विधानसभा सत्र: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र पर किया परोक्ष हमला

Sabal SIngh Bhati
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नई दिल्ली, 17 अप्रैल ()। सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया। इस विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर परोक्ष रूप से कई हमले किए। उन्होंने नोटबंदी और किसानों के लिए बनाए गए और फिर वापस लिए गए कानूनों का जिक्र किया। केजरीवाल ने एक कहानी के माध्यम से केंद्र पर तीखे हमले किए और इसी कहानी के माध्यम से अपनी और अपनी सरकार की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा के अंदर सुनाई गई अपनी कहानी में बताया कि नोटबंदी से कोई लाभ नहीं हुआ, उल्टे इससे देशवासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा रातो रात अचानक नोटबंदी कर दी गई इससे व्यवसायियों को नुकसान हुआ, लोग सड़कों पर आ गए। इससे लोगों को लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा, देशभर में उद्योग धंधे प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा 3 किसान कानूनों का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन किसान कानूनों के विरोध में हजारों किसानों ने प्रदर्शन किया और इस दौरान सैकड़ों किसानों की जान चली गई।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भाषण से पहले आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने कहा है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के विधानसभा सत्र बुलाए जाने पर आपत्ति जताने को सदन का अपमान बताया। विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़लान ने कहा कि यह सदन की प्रतिष्ठा और शक्ति कम करने का प्रयास है। उन्होंने इस विषय को दिल्ली विधानसभा विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का निर्णय लिया है। बिड़लान के मुताबिक विशेषाधिकार समिति को यह देखना चाहिए कि क्या उपराज्यपाल को इस मामले में बुलाया जाना चाहिए।

वहीं आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कहा कि दिल्ली अभूतपूर्व बन रही है। यहां राज्य सरकार को अस्थिर करने और तर्कहीन आधारों पर मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए केंद्र सरकार ईडी- सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

वहीं भाजपा विधायकों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री यदि निर्दोष हैं तो अदालते मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जमानत क्यों नहीं देती, विपक्षी विधायकों ने सत्तापक्ष से पूछा कि क्या अदालतें भी पक्षपाती हैं।

भाजपा विधायकों का कहना था कि इस एक दिवसीय सत्र बुला कर जांच एजेंसियों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है इस सत्र को बुलाने का उद्देश्य केंद्रीय जांच एजेंसियों पर दबाव बनाना है।

जीसीबी/

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