दिल्ली की अदालत ने एक्यूआईएस के चार सदस्यों को दोषी ठहराया

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 11 फरवरी ()। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) के चार सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया।

अदालत ने मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद अब्दुल रहमान, जफर मसूद और अब्दुल सामी को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया है। इस बीच, दो संदिग्ध सैयद मोहम्मद जीशान अली और सबील अहमद को बरी कर दिया गया।

14 दिसंबर 2015 को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के संभल के रहने वाले आसिफ को गिरफ्तार किया, जो एक्यूआईएस का इंडिया हेड था। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, उसके खुलासे के आधार पर, जफर मसूद को 15 दिसंबर, 2015 को संभल से और मोहम्मद अब्दुल रहमान को 16 दिसंबर, 2015 को ओडिशा के कटक से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस के अनुसार, रहमान ने अवैध रूप से पाकिस्तान का दौरा किया था और वहां जकी-उर-रहमान लखवी और साजिद मीर सहित शीर्ष आतंकवादियों से मुलाकात की थी, दोनों 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में वांछित थे। पुलिस ने कहा, जमशेदपुर (झारखंड) के रहने वाले अब्दुल सामी को 17 जनवरी, 2016 को मेवात से पकड़ा गया था। वह पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकवादी था।

जांच के दौरान सैयद मो. जीशान अली और सबील अहमद के नाम भी संयुक्त अरब अमीरात में एक्यूआईएस के कैडरों को वित्तीय और रसद सहायता प्रदान करने की साजिश के तहत सामने आए। अधिकारी ने कहा- अली को वर्ष 2017 में संयुक्त अरब अमीरात से निर्वासित किया गया था और इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जबकि सबील अहमद को वर्ष 2020 में निर्वासित किया गया था। सबील को शुरू में दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे से एनआईए द्वारा बेंगलुरु (कर्नाटक) में एक आतंकी मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में, उसे इस मामले में गिरफ्तार किया गया।

केसी/

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