नई दिल्ली, 15 फरवरी ()। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना गुरुवार को यमुना डूब क्षेत्र में सघन सफाई अभियान शुरू करेंगे।
उपराज्यपाल इस अवसर पर पहली बार यमुना सफाई अभियान में मदद के लिए प्रादेशिक सेना का मसौदा तैयार करेंगे।
प्रादेशिक सेना की 94 सदस्यीय कंपनी यमुना को प्रदूषित करने वाले सभी अप्रयुक्त नालों और उप-नालों की जमीनी स्तर पर निगरानी सुनिश्चित करेगी।
यमुना नदी के कायाकल्प पर उच्चस्तरीय समिति की दूसरी बैठक मंगलवार को आयोजित की गई, जिसमें एलजी ने काम की प्रगति की समीक्षा की और नालों के फंसने, सीवरों से गाद निकालने, ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीईटीपी), यमुना बाढ़ के मैदानों का पुनर्विकास और उल्लंघन के लिए जल प्रदूषण उद्योगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई व अन्य के संबंध में की गई कार्रवाई रिपोर्ट की समीक्षा की।
एलजी को सूचित किया गया था कि पहली एचएलसी बैठक के बाद नजफगढ़ ड्रेन के 13 उप-नाले पूरी तरह से फंस गए हैं और 3.03 किमी ट्रंक/परिधीय सीवर लाइनों को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है।
इसके अलावा, पहली एचएलसी बैठक के बाद 88 जल प्रदूषणकारी इकाइयों का निरीक्षण किया गया और 12 प्रदूषणकारी इकाइयों के पानी और बिजली कनेक्शन काट दिए गए और 53 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
नालों को फंसाने, सीवर लाइनों से गाद निकालने, अनाधिकृत आवासीय कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क बनाने और झुग्गी-झोपड़ी समूहों में जल निकासी व्यवस्था से संबंधित कार्यो की प्रगति के संबंध में उपराज्यपाल को सूचित किया गया कि अगले छह महीने यानी सितंबर 2023 तक सभी प्रमुख/उप नालों को इसमें जोड़ा जाएगा।
एलजी सक्सेना ने संबंधित एजेंसियों को प्रतिबद्ध समयसीमा का सख्ती से पालन करने के लिए कहा और इन परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में किसी भी तरह की ढिलाई के खिलाफ चेतावनी दी।
एलजी ने सभी एजेंसियों को ठोस प्रयास करने के लिए कहा, ताकि अगले छह महीनों में यमुना के पानी की गुणवत्ता में भारी बदलाव लाया जा सके।
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