कोलकाता में एचआईवी पॉजिटिव शिक्षक को शादी के 5 दिन बाद छुट्टी पर जाने को कहा गया

Kheem Singh Bhati
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19 फरवरी ()। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में विकलांग बच्चों के परामर्श और प्रशिक्षण के लिए एक विशेष शिक्षा केंद्र में कार्यरत एक एचआईवी पॉजिटिव विशेष शिक्षक को केंद्र के अधिकारियों ने अनिश्चितकालीन छुट्टी पर जाने के लिए कहा है। जैसी ही वह शादी के पांच दिन बाद ड्यूटी पर वापस आया तभी उसे अधिकारियों द्वारा छुट्टी पर जाने को कहा गया।

दोनों कोलकाता में ऑफर इंडिया द्वारा चलाए जा रहे एचआईवी पॉजिटिव बच्चों के लिए आनंद घर (हाउस ऑफ जॉय) में मिले थे। जबकि कोलकाता में एक कैफे के फ्लोर मैनेजर के रूप में काम करने वाली दुल्हन को हाउस ऑफ जॉय में लाया गया था, दूल्हा बाद में हाउस से जुड़ा था।

ऑफर इंडिया के संस्थापक और निदेशक कल्लोल घोष ने को बताया कि हाउस ऑफ जॉय के अधिकारियों ने हाल ही में बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ उनकी शादी की व्यवस्था की, जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों से 400 आमंत्रित लोगों ने भाग लिया।

निदेशक कल्लोल घोष ने समझाया कि दोनों की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थीं। हालांकि, शादी के पांच दिन बाद जब दूल्हा विशेष शिक्षा केंद्र में अपनी ड्यूटी पर लौट आया तो केंद्र प्रमुख ने उसे अपने कमरे में बुलाया और उस पर एचआईवी पॉजिटिव होने की बात छुपाकर केंद्र में शामिल होने का आरोप लगाया।

आगे कहा कि इसके बाद केंद्र प्रमुख ने दूल्हे को अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाने को कहा। उन्होंने यहां तक कहा कि केंद्र से जुड़े बच्चों के अभिभावकों का भारी दबाव है कि दूल्हे को अब उनके साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। इसके बाद केंद्र प्रमुख ने उन्हें अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाने के लिए कहा और यह भी कहा कि अधिकारी इस बात पर विचार करेंगे कि क्या केंद्र से जुड़े बच्चों का एचआईवी परीक्षण कराने के बाद वह भविष्य में वापस ड्यूटी पर लौटेंगे या नहीं। सबसे दुर्भाग्य की बात तो यह है कि केंद्र प्रमुख खुद डॉक्टर हैं।

जब ने केंद्र की टिप्पणियों के लिए शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ उदीप्त रॉय से संपर्क किया तो उन्होंने पहली प्रतिक्रिया दी, ओ माई गॉड! वह ऐसा कैसे कर सकता है। डॉ. रॉय ने कहा कि इंफेक्शन (संक्रमण) संभोग या रक्त संचरण या दवा के मामले में संक्रमित सुइयों के माध्यम से होता है। छूना और हाथ मिलाना तो भूल ही जाइए, नॉर्मल किस करने पर भी इंफेक्शन नहीं होता। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि उस अभागे दूल्हे के साथ भेदभाव एक पढ़े-लिखे दिमाग ने किया है और जिसके पास मेडिकल की डिग्री है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता ने को बताया कि एचआईवी, एड्स रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम के अनुसार, एचआईवी पॉजिटिवि होने के कारण किसी भी व्यक्ति से उसके या कार्यस्थल पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। केंद्र प्रमुख ने भेदभाव पर रोक लगाने वाले अधिनियम के प्रावधानों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है। पीड़ित दूल्हे को भेदभाव के आधार पर केंद्र पर मुकदमा करने का पूरा अधिकार है।

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