केरल ट्रेन अग्निकांड : एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली (लीड-1)

Sabal SIngh Bhati
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कोच्चि, 18 अप्रैल ()। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कोच्चि इकाई ने मंगलवार को केरल में ट्रेन में हुई आगजनी के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर दी है जिसके बाद जांच एजेंसी ने यहां एनआईए अदालत में एक प्राथमिकी दर्ज की। इधर दिल्ली निवासी 27 वर्षीय आरोपी शाहरुख सैफी को कोझिकोड की एक अदालत में पेश किया गया। उसकी पुलिस हिरासत समाप्त हो गई थी।

एनआईए के जांच संभालने के साथ, केरल पुलिस- विशेष जांच दल ने विस्तारित हिरासत की मांग नहीं की और इसलिए शाहरुख सैफी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

आने वाले दिनों में, कोच्चि इकाई मामले को सुलझाने और उसके मकसद को जानने के लिए सैफी की हिरासत की मांग करेगी। 2 अप्रैल को शाहरुख सैफी ने कोझिकोड में चलती ट्रेन के एक कोच में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी।

बाद में उसने उसी ट्रेन से कन्नूर की यात्रा की और कुछ घंटों के बाद दूसरी ट्रेन में सवार होकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी में उतर गया। तीन यात्रियों ने डर के कारण चलती ट्रेन से छलांग लगाकर जान दे दी, जबकि नौ अन्य झुलस गए।

केंद्रीय एजेंसियों के हस्तक्षेप के बाद ही महाराष्ट्र पुलिस के एटीएस डिवीजन को सतर्क किया गया था कि सैफी रत्नागिरी में है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सैफी को केरल पुलिस को सौंप दिया गया था, और उसे कोझिकोड ले जाया गया। मंगलवार तक वह केरल एसआईटी की हिरासत में था।

सोमवार को यह साफ हो गया था कि एनआईए इस मामले की जांच अपने हाथ में लेगी, जब एसआईटी के प्रमुख एडीजीपी एमआर अजित कुमार ने मीडिया को बताया कि सैफी एक अत्यधिक कट्टरपंथी व्यक्ति है और जांच दल ने यह पता लगाया कि ट्रेन में चढ़ने से लेकर रत्नागिरी में गिरफ्तारी तक उसने क्या क्या किया।

इससे पहले केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने आतंकवाद से संबंधित घटनाओं के प्रति नरम रवैये को लेकर केरल सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा, इस घटना को हुए दो हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं और पुलिस ये अभी तक सैफी को मदद पहुंचाने वालों पर कोई कारवाई नहीं की।

सुरेंद्रन ने कहा, किसी को भी इस बात का कोई सुराग नहीं है कि उसका खाना किसने तैयार किया क्योंकि एलाथुर (वह स्थान जहां आग लगी थी) के पास ट्रैक पर एक टिफिन बॉक्स मिला था। बहुत सारे जवाब हैं जो सामने आने हैं। केरल सरकार वोट बैंक की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी रखती है और इसलिए यहां ऐसी चीजें होती हैं।

एफजेड/

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