चेन्नई, 1 फरवरी ()। कर्नाटक के एक 83 वर्षीय व्यक्ति ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता के सौतेले भाई होने का दावा करते हुए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
वासुदेवन ने कहा कि वह जयललिता के पिता जयराम की पहली पत्नी के बेटे थे, इस नाते वह दिवंगत मुख्यमंत्री के सौतेले भाई हैं।
याचिकाकर्ता ने जे. जयललिता की भतीजी और भतीजे जे. दीपा और जे. दीपक को उनका कानूनी उत्तराधिकारी घोषित करने के मद्रास उच्च न्यायालय के 29 मई, 2020 के आदेश को वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया है।
उन्होंने 1950 में अपनी मां द्वारा अपने पिता से भरण-पोषण का दावा करने वाले एक मामले का भी हवाला दिया। वासुदेवन ने तर्क दिया था कि उन्होंने जे. दीपा को कई पत्र लिखे थे और दावा किया था कि उन्हें जे. दीपा और जे. दीपक द्वारा दायर याचिकाओं में पार्टी बनाया जाए, जिसमें दिवंगत मुख्यमंत्री के कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में घोषणा की मांग की गई थी।
मद्रास उच्च न्यायालय ने वासुदेवन की याचिका पर दीपा और दीपक को आवेदन दाखिल करने में 460 दिनों की देरी को माफ करने का नोटिस देने का आदेश दिया और 10 फरवरी से पहले यदि कोई हो तो जवाबी हलफनामा मांगा जाए।
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