जोशीमठ में जमीन धंसने को लेकर सरकार गंभीर, सतपाल महाराज ने कहा सीएम से की चर्चा

Sabal Singh Bhati
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देहरादून, 5 जनवरी ()। जोशीमठ शहर में मकानों और होटलों में आ रही दरारों व भू-धसाव ने चिंता बढ़ा दी है। इसके ट्रीटमेंट को लेकर शासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने जारी के बयान में कहा कि इस संदर्भ में मैंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा कर एसडीएम और जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

सतपाल महाराज ने कहा कि जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धंसाव से अनेक घरों व भवनों में दरारें आने से प्रभावित लोगों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। जल्दी ही इसके लिए पूरा प्लान बनाकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

सतपाल महाराज ने एसडीएम और जिलाधिकारी को निर्देश दिये हैं कि लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ उनके रहने के पुख्ता इंतजाम किये जायें। ऐसे मकानों को पहले फेज में शिफ्ट किया जाए जिनमें दरारें अधिक हैं, ताकि किसी बड़े खतरे से बचा जा सके।

चमोली के जोशीमठ नगर में हो रहे भारी भूस्खलन के विरोध में बुधवार को स्थानीय लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया था। जल विद्युत परियोजना एनटीपीसी के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द जोशीमठ में कार्यरत जल विद्युत परियोजना के कार्य को रोकने और जोशीमठ के ट्रीटमेंट के लिए उचित प्रयास करने की मांग की गई।

भाजपा संगठन ने जोशीमठ मे हो रहे भूस्खलन तथा क्षति के आकलन के लिए प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के नेतृत्व में 14 सदस्यीय समिति का गठन किया है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट के निर्देश पर गठित समिति 6 जनवरी को स्थलीय भ्रमण कर स्थानीय निवासियों, व्यापारियों तथा जन प्रतिनिधियों से वार्ता कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेगी।

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