सोनिया गांधी ने मणिपुर में जारी हिंसा की निंदा की

Sabal SIngh Bhati
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नई दिल्ली, 21 जून ()। कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को मणिपुर में लोगों के जीवन को तबाह करने वाली अभूतपूर्व हिंसा की निंदा की है। सोनिया गांधी ने राज्य के लोगों और बहादुर महिलाओं से खूबसूरत भूमि में शांति और सद्भाव लाने का नेतृत्व करने की भी अपील की।

सोनिया गांधी ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत दुख हुआ कि लोगों को उस एकमात्र स्थान से छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसे वे अपना घर कहते हैं। सोनिया ने कहा कि मणिपुर के लोगों में अपार उम्मीद और भरोसा है कि वे मिलकर इस परीक्षा को पार कर लेंगे।

सोनिया गांधी ने मणिपुर हिंसा पर एक वीडियो बयान में कहा कि मणिपुर के भाइयों और बहनों, करीब 50 दिनों से हमने मणिपुर में एक मानवीय त्रासदी को होते हुए देखा है। अभूतपूर्व हिंसा जिसने आपके राज्य में लोगों के जीवन को तबाह कर दिया है और हजारों लोगों को उजाड़ दिया है, हमारे राष्ट्र की चेतना में एक गहरा घाव छोड़ गया है।

सोनिया गांधी ने कहा, मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मुझे यह देखकर बहुत अफसोस हुआ कि लोग उसी जगह से भागने को मजबूर हुए, जिसे वे अपना घर कहते हैं। इसके अलावा लोगों ने अपने पूरे जीवन में जो बनाया है, उसे पीछे छोड़ दिया है। हमारे भाइयों और बहनों को देखना दिल दहला देने वाला है, जो शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर का इतिहास सभी जातियों, धर्मो और बैकग्राउंड के लोगों को गले लगाने की उनकी क्षमता और एक विविध समाज की असंख्य संभावनाओं का प्रमाण है।

सोनिया गांधी ने कहा, मैं मणिपुर के लोगों और विशेष रूप से मेरी बहादुर बहनों से अपील करती हूं कि वे इस खूबसूरत भूमि पर शांति और सद्भाव लाने का नेतृत्व करें। एक मां के रूप में मैं आपके दर्द को समझती हूं और मैं आपके अच्छे विवेक से मार्गदर्शन करने की अपील करती हूं।

उन्होंने कहा, यह मेरी सच्ची आशा है कि आने वाले हफ्तों और महीनों में हम विश्वास के पुनर्निर्माण की लंबी यात्रा पर निकल पड़े हैं और इस त्रासदी से मजबूत होकर उबरेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुझे मणिपुर के लोगों से बहुत उम्मीद और विश्वास है और मुझे पता है कि हम साथ मिलकर इस परीक्षा को पार कर लेंगे।

उनकी यह टिप्पणी मणिपुर में तीन मई से चल रही हिंसा के मद्देनजर आई है, जहां 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 50,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।

मणिपुर में हुई हिंसा के लिए कांग्रेस राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना करती रही है और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाती रही है।

एफजेड/

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