भगवान विष्णु के 24 अवतार

Kheem Singh Bhati
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14 – भगवान नृसिंह (भगवान विष्णु के 24 अवतार)
भगवान नृसिंह
भगवान नृसिंह

भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया। इस अवतार की कथा इस प्रकार है- धर्म ग्रंथों के अनुसार दैत्यों का राजा हिरण्यकशिपु स्वयं को भगवान से भी अधिक बलवान मानता था।

उसे मनुष्य, देवता, पक्षी, पशु, न दिन में, न रात में, न धरती में, न आकाश में, न अस्त्र से, न शस्त्र से मरने का वरदान प्राप्त था । उसके राज में जो भी भगवान विष्णु की पूजा करता था उसको दंड दिया जाता था। उसके पुत्र का नाम प्रह्लाद था।

प्रह्लाद बचपन से ही भगवान विष्णु का परम भक्त था । यह बात जब हिरण्यकशिपु को पता चली तो वह बहुत क्रोधित हुआ और प्रह्लाद को समझाने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी जब प्रह्लाद नहीं माना तो हिरण्यकशिपु ने उसे मृत्युदंड देने का प्रयास किया।

हर बार भगवान विष्णु के चमत्कार से वह बच गया। हिरण्यकशिपु की बहन होलिका, जिसे अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था, वह प्रह्लाद को लेकर धधकती हुई अग्नि में बैठ गई। तब भी भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई ।

जब हिरण्यकशिपु स्वयं प्रह्लाद को मारने ही वाला था तब भगवान विष्णु नृसिंह का अवतार लेकर खंबे से प्रकट हुए और उन्होंने नाखूनों से हिरण्यकशिपु का वध किया।

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