भैंसरोड़गढ़ दुर्ग – राजस्थान के वेल्लोर

Kheem Singh Bhati
6 Min Read

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग । उदयपुर से लगभग 120 मील दूर अरावली पर्वतमाला की एक विशाल घाटी या पर्वतीय खोह के मध्य पर्वत शिखर के अन्तिम छोर पर भैंसरोड़गढ़ दुर्ग स्थित है। चम्बल और बामनी नदियों के संगमस्थल पर बना यह किला तीन ओर से प्रभूत जलराशि से वर्ष पर्यन्त परिवेष्टित रहता है। यह एक विकट दुर्ग है जो प्राचीन भारतीय शास्त्रों में वर्णित जल दुर्ग की कोटि में आता है। नैसर्गिक सुरक्षा कवच से युक्त इस दुर्ग का प्राकृतिक परिवेश बहुत कुछ गागरौन दुर्ग से मिलता जुलता है।

भैंसरोड़गढ़ का यह सुदृढ़ दुर्ग कब बना और इसका निर्माण किसने करवाया, इस बारे में प्रामाणिक जानकारी का अभाव है। जनश्रुति है कि यह विक्रम की द्वितीय शती में बना। इतिहासकार कर्नल टॉड ने इस सम्बन्ध में जनश्रुति के आधार पर लिखा है कि इस दुर्ग का निर्माण भैंसाशाह नामक व्यापारी तथा रोड़ा चारण (बनजारा) ने पर्वतीय लुटेरों से अपने व्यापारिक काफिले (कारवाँ या तनद) की रक्षार्थ करवाया था ताकि वर्षाकाल में जब उनकी ‘बालद’ यहाँ पड़ाव ले तो यह दुर्ग उनका आश्रयस्थल बन सके ।

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग - राजस्थान के वेल्लोर
भैंसरोड़गढ़ दुर्ग – राजस्थान के वेल्लोर (भैंसरोड़गढ़ दुर्ग)

इसके निर्माण के बाद भैंसरोड़गढ़ पर कितने राजवंशों ने शासन किया, यह सब अतीत के अंधकार में है। उपलब्ध साक्ष्यों व जनश्रुति के अनुसार इस दुर्ग पर अलग-अलग समय पर विविध राजवंशों ने शासन किया। डोड शाखा के परमारों (जो सम्भवत: इस दुर्ग के निर्माता अथवा जीर्णोद्धार करने वाले थे), राठौड़ों, शक्तावतों और चूण्डावतों के अधिकार में रहने के बाद भैंसरोड़गढ़ हाड़ाओं को मिला। पर अधिकांशत: यह मेवाड़ के अधिकार में रहा ।

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग - राजस्थान के वेल्लोर
भैंसरोड़गढ़ दुर्ग – राजस्थान के वेल्लोर (भैंसरोड़गढ़ दुर्ग)

कर्नल टॉड ने जनश्रुतियों के आधार पर भैंसरोड़गढ़ के शासकों का जो संक्षिप्त और रोचक इतिवृत्त प्रस्तुत किया है उसकी विश्वसनीयता संदिग्ध है। टॉड के अनुसार यह दुर्ग महुआ के राठौड़ राजकुमार को उस समय इनायत हुआ जब उसने मेवाड़ के अपमान का बदला लेते हुए जैसलमेर के भाटी शासक का वध कर दिया। लेकिन इस राठौड़ सामन्त की रानी ने अपने पति के एक आक्षेप से रुष्ट होकर दुर्ग पर से नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली।

वह मेवाड़ के राजवंश से सम्बन्धित थी। अतः भैंसरोड़गढ़ राठौड़ दुर्गाधिपति से छीन लिया गया तथा परमार सामन्त को मिला जो कि निकटवर्ती बेगूं ठिकाने का दामाद था। उसने एक बार शतरंज (पच्चीसी) खेलते हुए मजाक में अपनी पत्नी के पीहर पक्ष पर ताने कसे तथा कटाक्ष किये जिससे बेगूं के सरदार ने उसे सबक सिखाने हेतु भैंसरोड़गढ़ पर आक्रमण कर दिया तथा परमार दुर्गाधिपति लड़ते हुए काम आया ।

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग - राजस्थान के वेल्लोर
भैंसरोड़गढ़ दुर्ग – राजस्थान के वेल्लोर (भैंसरोड़गढ़ दुर्ग)

तत्पश्चात् भैंसरोड़गढ़ लालसिंह चूण्डावत को इनायत हुआ, जिसने मेवाड़ के महाराणा को प्रसन्न करने के लिए राजपरिवार के निकट सम्बन्धी (राणा जगतसिंह के भाई) नाथा जी की, जो एक सन्त पुरुष थे उपासना करते हुए हत्या कर दी। उसके उत्तराधिकारी मानसिंह के शासनकाल में भैंसरोड़गढ़ पर मरहठों का हमला हुआ । मरहठों ने किले की प्राचीर के समानान्तर विशाल खाई खोद डाली और किले पर प्रबल आक्रमण किया। लेकिन पहाड़ियों पर रहने वाले मीणों, भीलों और आदिवासियों के जवाबी प्रतिरोध के कारण मरहठों को इस किले का घेरा उठाना पड़ा।

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी ने भी जोरदार हमला किया था।

कर्नल टॉड के अनुसार भैंसरोड़गढ़ पर अलाउद्दीन खिलजी ने भी जोरदार हमला किया था। दुर्गरक्षकों के प्रबल प्रतिरोध से कुपित होकर उसने अपने सैनिकों को इस किले तथा यहाँ विद्यमान भव्य देवमन्दिरों के पूर्ण विनाश का आदेश दिया। इस आक्रमण के बाद भैंसरोड़गढ़ में कोई भी प्राचीन निर्माण नहीं बचा।

भैंसरोड़गढ़ अपनी विशिष्ट संरचना और स्थापत्य के कारण प्रसिद्ध है। पूर्व में चम्बल और पश्चिम में बहमनी (बामनी) नदियों के निरन्तर प्रवाह ने पर्वत शिखर पर निर्मित इस दुर्ग को तीन तरफ से सुरक्षित और दुर्जेय बना दिया है। केवल उत्तर में, निकटवर्ती पहाड़ी से इस दुर्ग पर आक्रमण कर उसे जीतना संभव है।

भैंसरोड़गढ़ दुर्ग - राजस्थान के वेल्लोर
भैंसरोड़गढ़ दुर्ग – राजस्थान के वेल्लोर (भैंसरोड़गढ़ दुर्ग)

इतिहासकार कर्नल टॉड ने भैंसरोड़गढ़ के दुर्भेद्य स्वरूप को प्रकट करते हुए लिखा हैं –
The castle of Bhyansror is most romantically situated upon the extreme point of a ridge, on an almost isolated rib of Pathar. To the east, its abrupt cliff overhangs the placid expanse of the Chumbul, its height above which is about two hundred feet. the level of the river in the monsoon is marked at full thirty feet above its present elevation. The Bamuni bounds Bhynsror on the west and by the rapidity of its fall has completely scrapped the rock.

सारत: भैंसरोड़गढ़ का किला अपने ढंग का एक निराला दुर्ग है जिसे राजस्थान का वेल्लोर कहा जाय तो कोई अत्युक्ति न होगी।

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