महात्मा गाँधी विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में शामिल
राजनीति के पहले चरण में गाँधीजी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस समारोह में भारत की रियासतों के राजा-महाराजा तथा बायसराय आमन्त्रित थे। गाँधीजी का पहनावा बिल्कुल भारतीय था।
लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि क्या यही वो व्यक्ति है जिसने सत्याग्रह करके दक्षिण अफ्रीका की सरकार को झुका दिया था?
यहाँ पर गाँधीजी ने अपने भाषण में राजा-महाराजाओं की जमकर आलोचना की तथा भारत की गरीब जनता की हालत का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जनता अन्याय से पिसी जा रही है। आम जनता अनेक परेशानियों से ग्रसित है। इससे राजशाही से जुड़े लोग क्रोधित होकर सभा से चले गये लेकिन विद्यार्थी तथा युवावर्ग ने गाँधीजी के भाषण का स्वागत किया।
श्री लालबहादुर शास्त्री इस भाषण से इतना प्रभावित हुए कि वे गाँधीजी के अनुयायी हो गये। यहीं से शास्त्रीजी का राजनीतिक जीवन आरम्भ हुआ। इसी भाषण से गाँधीजी जन-जन के प्रिय नेता बन गये। गांधीजी भारतीय जनता के कल्याण और आजादी के लिए कमर कसकर राजनीति में कूद पड़े।